गर्दन दर्द के कारण घरेलू आयुर्वेदिकइलाज How to treat neck pain
गर्दन दर्द के कारण:
यह बीमारी ज्यादातर एक तरफ गरदन मोड़ कर बैठने, रात को एक ही करवट सोने, गलत स्थिति में नर्म गद्दों पर सोने, गरदन उचका कर देर तक एक ही दिशा में देखने, सिर पर बोझ रखकर उठाने तथा सर्दी-गर्मी के प्रभाव के कारण हो जाता है। गर्दन की नसों में खिंचाव पैदा होने के कारण यह दर्द उत्पन्न होता है।
घुटनों के दर्द का इलाज | ghutno ke dard ka ilaj in hindi
घुटनों के दर्द का इलाज | ghutno ke dard ka ilaj in hindi
गर्दन में दर्द का घरेलू इलाज:
सोंठ के चूर्ण को सरसों के तेल में मिलाकर गर्दन पर धीरे-धीरे ऊपर से नीचे की तरफ मालिश करें।
खसखस तथा मिसरी, दोनों 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर तथा इन्हें पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में से 5 ग्राम चूर्ण रात में सोने से पहले दूध के साथ सेवन करें।
अंड खरबूजे का पत्ता गर्म करके उस पर जरा-सा तेल चुपड़ लें। फिर इस पत्ते की गरदन पर लपेट कर ऊपर से पट्टी बांध लें।
धी-ग्वार का पट्ठा लेकर उसमें से थोड़ा-सा गूदा निकाल लें। इसकी टिकिया बनाकर तवे पर गर्म करके खाएं।
जायफल को पीसकर गर्दन पर इसका लेप करें।
राई का तेल 10 ग्राम और सरसों को तेल 10 ग्राम। दोनों को मिलाकर गर्दन पर धीरे-धीरे मालिश करें।
लौंग का तेल सरसों के तेल में मिलाकर गर्दन पे मालिश करें।
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गर्दन में बादाम के तेल की मालिश करने से 10 घंटे दर्द जाता रहता है।
एरंड के बीज की मींग दूध में पीसकर रोगी को पिलाएं। इससे गर्दन तथा कमर, दोनों जगहों का दर्द जाता रहता है।
सरसों के तेल में कपूर पीस कर मिला लें और गर्दन पर धीरे-धीरे मालिश करें।
लहसुन का तेल सरसों के तेल में मिलाकर लगाएं।
असगंध तथा सोंठ के एक-एक चम्मच चूर्ण की (दो मात्रा) सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें।
अजवाइन को पोटली में बांधकर उसे तवे पर गर्म करें। फिर इस पोटली से गर्दन की सेंक करें।
मेथी के दानों को पीस कर पानी में पेस्ट बना लें। इसे दिन में तीन बार गरदन पर लगाएं।
गर्दन में दर्द का प्राकृतिक चिकित्सा:
पानी गर्म करते समय उसमें दो चम्मच नमक डालें। फिर उस पानी में कपड़ा डुबोकर गर्दन की चारों ओर से सेंक करें।
सिर पर गर्म पानी की थैली रखें तथा गर्दन को धीरे-धीरे चारों ओर घुमाते रहें।
पानी में सिरके की 8-10 बूंदे डालकर गर्दन की सेंक करें।
टब में पानी भरकर उसमें थोड़ा-सा जैतून का तेल डाल लें। फिर कमर तक बैठ कर गर्दन पर पानी की धार छोड़ें।
गर्दन में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार:
महानारायण तेल से दिन में 2-3 बार गर्दन की मालिश करें। जाड़े के मौसम में तेल को थोड़ा गर्म कर लें।
सिंहनाद गुग्गुल की 1-2 गोली तीन बार गर्म पानी या दूध से लें।
कैपसूल आर्थोक्योर 1 कैपसूल दिन में दो बार लें।
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